Simran Ansari

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रूहानी रिश्ता : भाग - 1

ओह गॉड! ये बारिश भी न.... कोई भरोसा नही है इस शहर की बारिश का, किसी भी वक्त शुरु हो जाती है अपने आप में ही यह सब बड़बड़ाते हुए समीरा अपने हैंडपर्स से अपने सिर को ढकने की नाकाम कोशिश कर रही थी और साथ ही बारिश से बचने के लिये कोई जगह भी ढूँढ रही थी.....तभी उसे सड़क के किनारे एक बड़ी सी दुकान दिखी उस का शेल्टर भी काफी बड़ा था, तो उस के नीचे खड़ी हो कर वह बारिश से भी बच सकती थी इसलिए वह उस ओर ही दौड़ पड़ी , और वहाँ आ कर चुपचाप खड़ी हो कर बारिश रूकने का इंतजार करने लगी।


वैसे अब तक समीरा काफी भीग चुकी थी लेकिन पूरी तरह नहीं ,, समीरा ने जब इधर उधर देखा तब उसे पता चला कि जहाँ वह खड़ी थी वह एक जनरल स्टोर था और साथ में एक मोबाइल रिपेयरिंग शॉप भी थी और उन दोनों ही दुकानों पर दो अलग लड़के बैठे थे,,,

बारिश की वजह से उन दोनों ही दुकानों पर कोई ग्राहक नहीं थे तो उन में से एक लड़का दुकान के पीछे के हिस्से में रखी किताबों को संभाल कर रखने लगा और काम करते करते वह लड़का दूसरे लड़के से बोला - "यार कितना मुश्किल है ऐसे रोज रोज इन किताबों को रखना उठाना...... करन से बोल ना कि इन्हें यहाँ से हटवा दे!"

इस पर बाहर दुकान पर बैठा लड़का बोला - "यार अजय कोई फायदा नहीं है मैं करन से एक बार कह कर देख चुका हूँ वह बोलता है कि यह बुक स्टॉल / लाइब्रेरी हमारे लिये लकी है और इसी की वजह से हमारी बाकी दोनों शॉप भी चल रही है और वैसे भी उस की ही जगह है तो हम कुछ कर नहीं सकते अपनी मर्जी से..."

इस पर बुक को रैक्स में रखते हुए पहला लड़का बोला - "अरे यार तो कम से कम देखभाल के लिये ही किसी को रख ले.... हमारा काम बहुत बढ़ जाता है इस की वजह से...."

समीरा वही दुकान के बाहर खड़ी उन दोनों लड़कों की बातें सुन रही थी उस के लिये तो जैसे मनचाही बात हो गयी हो वह एक जॉब इंटरव्यू से ही लौट रही थी जो जॉब उसे नही मिली थी और समीरा को हमेशा से ही किताबों से लगाव था तो उन दोनों लड़कों की आपस की बात सुन कर वह बहुत ही ज्यादा खुश हो गयी और आगे बढ़कर खुद ही उन में से एक लड़के से बोली- "हैलो! मैं समीरा शर्मा, हो सकता है मैं तुम दोनों की कुछ मदद कर सकूँ?"

समीरा की यह बात सुनकर दोनों लड़के हैरानी से एक दूसरे का मुँह देखने लगे उन दोनों को ही यह नहीं पता था कि समीरा किस बारे में बात कर रही है ???

यह सुन कर उन दोनों लड़कों में से एक ने पूछा - आप क्या कहना चाहती हैं ? हम दोनों समझे नही ! 

इस पर समीरा बोली जेड मैने आप दोनों की बातें सुनी आप को अपनी शॉप के लिये एक हेल्पर की जरूरत है ना और मुझे एक जॉब की तो ...... हम दोनों की प्रॉब्लम सॉल्व हो जाएगी अगर आप मुझे जॉब पर रख लें ।

समीरा की यह बात सुनकर वह दोनों समझ गए कि समीरा ने उन दोनों की बातें सुन ली है तो उनमें से एक लड़का बोला - "जब आपने सारी बातें सुन ही ली है तो यह भी सुना होगा कि यह जगह हमारे दोस्त करन की है तो आप को जॉब पर रखने या न रखने का डिसीजन भी वही ले सकता है " 

"ओके तो कहाँ है आप का दोस्त??? मैं उस से ही बात कर लेती हूँ। - समीरा ने उस लड़के की बात सुनकर कहा 

इस पर वो लड़का बोला - आज तो आप करन से नहीं मिल पाएंगी क्योंकि आज तो वो आउट ऑफ सिटी है दो दिन बाद ही लौटेगा तो आप एक काम करना आप वेडनेसडे को आकर उस से मिल लेना यही शॉप पर ,,, लेकिन दोपहर 12:00 बजे से शाम 04:00 बजे के बीच ही आना.....

ओके ग्रेट मैं आ जाऊंगी वैसे भी कल मुझे थोड़ा काम है तो बुधवार को पक्का मैं आ जाऊंगी - समीरा खुश होते हुए उन दोनों की तरफ देखकर बोली

अब तक बारिश भी रुक चुकी थी तो समीरा वहाँ से निकल कर टैक्सी में बैठकर अपने घर चली गई।।।

अरे तू भीग कैसे गई ?? समीरा के घर के अंदर प्रवेश करते हैं उस की मां ने उसे भीगा हुआ देखकर पूछा

अरे मां वो मैं छाता ले जाना भूल गई थी ना और बारिश होने लगी रास्ते में..... तो बस भीग गई थोड़ा सा - समीरा ने अपना सामान रखते हुए मां की बात का जवाब दिया

अच्छा ठीक है तू जाकर कपड़े बदल ले जब तक मैं तेरे लिए अदरक वाली चाय बना देती हूं नहीं तो तुझे सर्दी हो जाएगी समीरा की मां ने उसे कहा

हां ठीक है इतना कहकर समीरा अपने कमरे में चली गई

फिर बाहर आकर अपनी मां के साथ बैठकर बातें करते करते  उसने अपनी मां को दिन में हुई सारी बातें बता दी तो उसकी बात सुनकर उस की मां बोली मुझे तो कोई दिक्कत नहीं बस एक बार अपने पापा से पूछ लेना वह हां कह दे तो फिर ठीक है.....

"हां ठीक है मां मैं पापा से परमिशन ले लूंगी लेकिन वहां तो मुझे वेडनेसडे हो जाना है उससे पहले कल आप को लेकर डॉक्टर के पास भी तो जाना है आपके घुटने का दर्द बढ़ता ही जा रहा है और आप अपना बिल्कुल ध्यान नहीं रखती!" - समीरा ने बैठे बैठे ही अपनी मां को साइड हग करते हुए कहा

अच्छा ठीक है बस अब ज्यादा प्यार मत दिखा नहीं तो तेरी शादी के बाद मुझे कौन ले जाएगा डॉक्टर के पास समीरा की मां ने समीरा से कहा

मां मुझे ना ये शादी वादी नहीं करनी और आप ना रोज-रोज मुझसे यह सब मत बोला करो मुझे अच्छा नहीं लगता समीरा ने बनावटी गुस्सा दिखाते हुए अपनी मां की तरफ से मुंह फेर लिया

अच्छा ठीक है नहीं करती यह सब बात लेकिन यह सच है एक ना एक दिन तो तेरी शादी करनी ही है ना समीरा की मां ने समीरा को समझाते हुए कहा

हां ठीक है वो जब होगा देखा जाएगा इतना कहकर समीरा वहां से उठकर अपने कमरे में चली गई।।।

उसके बाद अगले दिन समीरा 10:00 बजे ही अपनी मां को लेकर डॉक्टर के वहां गई और डॉक्टर को दिखाकर जब समीरा वापस आ रही थी तो उसे कोई टैक्सी नहीं मिल रही थी और वह दोनों मां बेटी काफी देर से सड़क के किनारे खड़ी थी टैक्सी के इंतजार में..... तभी अचानक से एक बाइक बहुत तेजी से समीरा की मां के बहुत करीब से निकल गए और उससे बचने के लिए समीरा की साइड हटने लगी और लड़खड़ा कर गिरने ही वाली थी कि तभी एक लड़के ने आगे बढ़कर उन्हें सहारा दिया और गिरने से बचाया ।।।

अपनी मां से दूर ना दूर हटकर खड़ी थी टैक्सी रोकने के लिए लेकिन अपनी मां को गिरता हुआ देखकर वह दौड़ कर उनके पास आई और उसने अपनी मां से पूछा मां आप ठीक हो ना यह बदतमीज लोग गाड़ी चलाने की भी तमीज नहीं है देखते नहीं कि कोई खड़ा है गुस्से में चिल्लाते हुए उस बाइक की तरफ देख कर बोली लेकिन वह बाइक जब तक बहुत दूर जा चुकी थी।।।

अपनी मां को ठीक से साइड में बिठाकर समीरा ने उस लड़के की तरफ देखा और उससे बोली थैंक यू सो मच फाॅर योर हेल्प.....

इस पर लड़का समीरा की तरफ देखकर हल्का सा मुस्कुराया और उससे बोला-  इट्स ओके अपनी मां का ध्यान रखना और सिर्फ इतना बोल कर वह अपने रास्ते चला गया।।।

उसी जाते देख कर समीरा थोड़ी देर वहीं खड़ी होकर उसे जाते हुए देखती रही जब तक वह उसकी आंख से ओझल नहीं हो गया और उसके चले जाने के बाद अपनी मां को लेकर वह अपने घर वापस आ गई।।।

उसके बाद शाम को उसे ध्यान आया कि कल उसे अपनी जॉब के लिए जाना है तो इसके लिए उसने अपने पापा से पूछा तो पहले उसके पापा ने पूरी डिटेल्स पूछी तू इस पर समीरा ने सब सच सच बता दिया और साथ में यह भी कहा कि अभी उसकी जॉब कंफर्म नहीं है वह कल आकर बताएगी

समीरा की सभी बातें ध्यान से सुनने के बाद उसके पापा ने भी उसे परमिशन दे दी कि ठीक है वह  वहां जॉब कर सकती है।।।

यह बात सुनकर समीरा बहुत ही ज्यादा खुश हो गई और अपने पापा से बोली - थैंक यू पापा!!!

इसके बाद समीरा खुशी-खुशी अपने कमरे में सोने चली गई और लेटे लेटे कल के बारे में ही सोचने लगी क्योंकि उसे उसका मनपसंद काम जो मिल रहा था समीरा को बचपन से ही किताबों से बहुत लगाव रहा है उसे हर तरह की किताबें पढ़ना बहुत ही ज्यादा पसंद है स्कूल व कॉलेज में भी हमेशा वह अपने कोर्स से अलग किताबें भी पढ़ती रहती थी।।।

अगले दिन सुबह समीरा बहुत जल्दी ही सो कर उठ गई या यूं कह लो कि उत्साह की वजह से उसे नींद ही नहीं आ रही थी घड़ी में देखा तो अभी सिर्फ सुबह के 6:00 ही बजे थे उसकी मम्मी जाग गई थी नहा धोकर सबके लिए नाश्ता बनाने जा रही थी समीरा भी नहा धोकर किचन में पहुंचकर अपनी मम्मी की हेल्प करने लगी आज उसने मम्मी से पूछा- मम्मी आपने दवाई खाई थी रात को??

हां बेटा खा ली थी लेकिन तू आज इतनी जल्दी कैसे उठ गई नहीं तो तू तो 10:00 बजे से पहले कभी नहीं उठती थी समीरा की मां ने आश्चर्य से उसकी तरफ देखते हुए पूछा

अरे मां वह बस आज जॉब के लिए जाना है तो सोचा कहीं देर ना हो जाए इसीलिए जल्दी उठ गई और आपकी हेल्प भी कर देती हूं नाश्ता बनवाने में समीरा ने मुस्कुराते हुए कहा

लगता है पापा ने परमिशन दे दी है समीरा की मां ने समीरा की तरफ देखकर पूछते हुए कहा

हां मां पापा ने रात को ही हां बोल दिया था जॉब के लिए समीरा ने खुशी से बताते हुए कहा

अच्छा ठीक है कितने बजे जाना है तुझे समीरा की मां ने सवाल पूछते हुए कहा

12:00 से 4:00 बोला था उस लड़के ने तो मैं 11:00 बजे घर से निकल जाऊंगी वैसे वह जगह यहां से आधे घंटे की ही दूरी पर है समीरा ने अपनी मां को बताया

ठीक है फिर अभी तो बहुत टाइम है समीरा की मां ने घड़ी की तरफ देखते हुए कहा

उसके बाद 11:00 बजे के बाद ही तैयार होकर समीरा अपने घर से निकली और टैक्सी में बैठकर उसी दुकान के पास पहुंची थोड़ी देर तो उसे ऐसा लगा जैसे वह किसी गलत जगह पर आ गई हो क्योंकि उसे वह दुकान वहां कहीं दिखाई नहीं दे रही थी फिर जब वह सड़क पार करके दूसरी साइड आई तो उसने देखा कि दुकान तो वहीं पर है और उसमें वह दोनों लड़के भी हैं जिनसे वह 2 दिन पहले मिली थी।।।

उसने घड़ी में टाइम देखा तो अभी भी 12:00 बजने में 10 मिनट बाकी थे यह देखकर उस लड़के ने समीरा से कहा अरे आप तो टाइम से पहले ही आ गई लगता है कि आपको जॉब की कुछ ज्यादा ही जरूरत है या तो आप इस जॉब में बहुत ज्यादा इंटरेस्टेड हैं।।।

इस पर समीरा ने जवाब दिया हम्म द सेकंड वन..... जरूरत तो इतनी नहीं है लेकिन इंटरेस्ट थोड़ा ज्यादा है मुझे ना किताबे बहुत पसंद है तो इन से जुड़ा काम भी पसंद है सिंपल सी बात है..... वैसे आपके बॉस कहां है जिन से मुझे बात करनी है- समीरा ने दुकान के अंदर आते हुए चारों तरफ अपनी नजरें घुमाते हुए पूछा

हां हां बस आता ही होगा करन उनमें से एक लड़के ने जवाब दिया

ठीक है जब तक मैं वेट कर लूंगी क्या जब तक मैं बुक्स देख सकती हूं ? समीरा ने उन दोनों की तरफ देख कर पूछा

ओके ठीक है इतना बोल कर वह दोनों अपने काम में लग गए और समीरा बुक रैक से बुक्स उठा उठा कर देखने में लग गई बुक्स देखते वक्त उसकी आंखों में एक अलग ही चमक दिखाई देती है जैसे कि किसी को उसकी मनचाही चीज मिल गई हो......

थोड़ी देर बाद दुकान के गेट से एक लड़का अंदर आया तो बाकी दोनों लड़कों ने उसे बताया कि वह लड़की अंदर है तो कर तुरंत ही उसके सामने पहुंचा और उसकी तरफ हाथ बढ़ाते हुए बोला- हेलो आई एम करन मैं यहां का ओनर हूं, मेरे फ्रेंड्स ने मुझे आपके बारे में बताया था...... व्हाट्स योर नेम?

करन की तरफ घूमते हुए समीरा ने जवाब दिया - हाय आई एम समीरा शर्मा और जब करन को देखा तो उसे तुरंत ही पहचान गई और उससे बोली अरे आप तो वही हो ना जो कल मुझे डॉक्टर क्लीनिक के बाहर मिले थे??


जारी......

#लेखनी धारावाहिक प्रतियों


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6 Comments

Abhinav ji

03-Apr-2022 08:37 AM

Nice 👍

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Muskan khan

27-Mar-2022 10:18 AM

बहुत ही बेहतरीन

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The story

14-Mar-2022 07:57 PM

Nice.

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